2.1% से अधिक कार्बन वाले सादे आयरन-कार्बन मिश्रधातुओं (Plain Iron-Carbon Alloys) को कास्ट आयरन (Cast Iron) क्यों कहते हैं?

कास्ट आयरन क्या है? समझिए बिल्कुल शुरुआत से!

कास्ट आयरन (Cast Iron) वो मिश्रधातु (Alloy) है जिसमें आयरन (लोहा) के साथ 2.1% से ज्यादा कार्बन मिला होता है। ये कार्बन, आयरन के साथ मिलकर उसकी माइक्रोस्ट्रक्चर (Microstructure) को पूरी तरह बदल देता है। कल्पना कीजिए, जैसे दूध में चीनी डालने पर उसका स्वाद और गाढ़ापन बढ़ जाता है, वैसे ही कार्बन आयरन को कठोर (Hard) और भंगुर (Brittle) बना देता है।

2.1% से अधिक कार्बन के कारण आयरन मिश्रधातु की भौतिक और थर्मल विशेषताएँ बदल जाती हैं, जिससे वह स्टील नहीं रह जाती, बल्कि एक ढलाई योग्य, कठोर, पर भंगुर पदार्थ बन जाती है — जिसे हम Cast Iron कहते हैं।

पर सवाल ये है कि 2.1% ही क्यों? दरअसल, ये वो जादुई सीमा (Eutectic Point) है जहाँ आयरन-कार्बन मिश्रधातु ठोस होते समय सीधे ग्रेफाइट (Graphite) बनाने लगता है। इससे मटेरियल की प्रॉपर्टीज (Properties) में भारी बदलाव आता है।


लोहे में कार्बन क्या करता है?

  • शुद्ध लोहा (Pure Iron) बहुत ही कोमल (Soft) होता है, और उसमें ज्यादा शक्ति नहीं होती।
  • जब उसमें थोड़ी मात्रा में कार्बन मिलाया जाता है (0.1% से 1.5%), तो वह स्टील (Steel) बन जाता है — मज़बूत, लचीला, और उपयोगी।
  • लेकिन जब कार्बन की मात्रा 2.1% से ऊपर चली जाती है, तो वह धातु बहुत कठोर (Hard) और भंगुर (Brittle) हो जाती है।

2.1% की सीमा तकनीकी क्यों है?

यह सीमा मेटलर्जी के “Fe-C Phase Diagram” पर आधारित है — एक वैज्ञानिक चार्ट जो बताता है कि लोहे और कार्बन का व्यवहार तापमान और संरचना के अनुसार कैसे बदलता है।

इस डायग्राम में 2.1% कार्बन को एक महत्वपूर्ण बिंदु माना गया है, जहाँ eutectic reaction होता है:

Steel Fe-C phase diagram-en.png
By Jon Peli OleagaOwn work, CC BY-SA 4.0, Link

Liquid → Austenite + Cementite

इसका मतलब है कि यह मिश्रधातु एक विशेष तापमान पर सीधा ठोस (Solid) बनने की बजाय पहले लिक्विड (Liquid) बनती है, जिसे ढलाई (Casting) के लिए आदर्श माना जाता है।

तो इसे Cast Iron क्यों कहते हैं?

  • “Cast” का मतलब होता है ढलाई करना (To pour molten metal into a mold)।
  • चूँकि 2.1% से अधिक कार्बन वाले मिश्र धातु कम तापमान पर पिघलते हैं (~1150–1200°C) और तरल अवस्था में ढलाई के लिए बहुत उपयुक्त होते हैं, इसलिए इन्हें Cast Iron कहा जाता है।
  • यह लोहे का वो रूप है जिसे डालकर (Pouring) मनचाहे आकार में ढाला जा सकता है — इंजिन के ब्लॉक, पाइप्स, मशीन पार्ट्स आदि।

कुछ प्रमुख विशेषताएँ Cast Iron की:

गुण (Property)विवरण (Description)
कार्बन मात्रा2.1% से 4.0% तक
कठोरता (Hardness)अधिक, पर लचीलापन कम
पिघलने का बिंदुस्टील से कम (~1150°C)
मशीनिंग योग्यताअच्छी, लेकिन ब्रिटल
उपयोगमोटर पार्ट्स, किचन वेयर, निर्माण सामग्री

कास्ट आयरन के प्रकार: कार्बन की मात्रा और उसका असर

कास्ट आयरन के 4 मुख्य प्रकार होते हैं, जिनमें कार्बन की मात्रा और उसके फॉर्म (Form) अलग-अलग होते हैं:

  • ग्रे कास्ट आयरन (Gray Cast Iron): 2.5–4% कार्बन। ग्रेफाइट फ्लेक्स (Flakes) के रूप में मौजूद होता है। उदाहरण: इंजन ब्लॉक, मैनहोल कवर।
  • व्हाइट कास्ट आयरन (White Cast Iron): 1.8–3.6% कार्बन। कार्बन, आयरन के साथ सीमेंटाइट (Cementite) बनाता है। अत्यंत कठोर पर भंगुर।
  • नोड्युलर कास्ट आयरन (Ductile Cast Iron): गोलाकार ग्रेफाइट (Spherical Graphite) के कारण लचीलापन (Ductility) बढ़ जाता है।
  • मैलेबल कास्ट आयरन (Malleable Cast Iron): गर्म करके ग्रेफाइट को नोड्यूल्स (Nodules) में बदला जाता है।

कास्ट आयरन के गुण: क्यों इसे इंजीनियरिंग में पसंद किया जाता है?

  • कम पिघलने का तापमान (Lower Melting Point): स्टील (Steel) की तुलना में आसानी से ढाला (Cast) किया जा सकता है।
  • विब्रेशन डैम्पिंग (Vibration Damping): मशीनों में कंपन कम करने के लिए बेस्ट, जैसे लैथ मशीन बेस।
  • वियर रेजिस्टेंस (Wear Resistance): ग्रेफाइट फ्लेक्स घर्षण (Friction) को कम करते हैं।

रियल-लाइफ उदाहरण:

  • कुकवेयर: कास्ट आयरन कड़ाही गर्मी को समान रूप से वितरित (Distribute) करती है।
  • ब्रिज कंपोनेंट्स: भारी वजन सहने की क्षमता।

लोग यह भी पूछते हैं (People Also Ask)

1. कास्ट आयरन और स्टील में क्या अंतर है?

  • कार्बन %: स्टील में 0.2–2.1%, कास्ट आयरन में 2.1%+।
  • गुण: स्टील लचीला (Ductile) होता है, जबकि कास्ट आयरन भंगुर।

2. कास्ट आयरन को मशीन करना मुश्किल क्यों है?

ग्रेफाइट फ्लेक्स टूल्स (Tools) को तेज़ी से ब्लंट (Blunt) कर देते हैं।

3. क्या कास्ट आयरन जंग (Rust) लगता है?

हाँ, लेकिन ग्रेफाइट लेयर थोड़ा प्रोटेक्शन देती है।


क्विक समरी (Quick Summary)

  • ✅ कास्ट आयरन में 2.1%+ कार्बन होता है।
  • ✅ 4 प्रमुख प्रकार: ग्रे, व्हाइट, डक्टाइल, मैलेबल।
  • फायदे: कास्टिंग आसान, वियर रेजिस्टेंट, कंपन कम करता है।
  • नुकसान: भंगुर, मशीनिंग मुश्किल।

कास्ट आयरन के प्रकारों की तुलना (Table)

प्रकारकार्बन %ग्रेफाइट फॉर्मउपयोग
ग्रे कास्ट आयरन2.5–4%फ्लेक्सइंजन ब्लॉक, पाइप
व्हाइट कास्ट आयरन1.8–3.6%सीमेंटाइटग्राइंडिंग बॉल्स
डक्टाइल कास्ट आयरन3–4%स्फेरिकल (गोल)वाल्व, गियर्स

निष्कर्ष: कास्ट आयरन का महत्व

कास्ट आयरन एक ऐसा मटेरियल है जो सदियों से इंजीनियरिंग का आधार रहा है। चाहे वो पुल हो या खाना पकाने का बर्तन, इसकी थर्मल कंडक्टिविटी (Thermal Conductivity) और स्ट्रेंथ (Strength) इसे खास बनाती है। अगली बार जब आप किसी पुरानी इमारत या कार के इंजन को देखें, तो याद रखिए—उसकी मजबूती के पीछे कास्ट आयरन का हाथ है!

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