स्टील में अवांछित माने जाने वाले तत्व भी महत्वपूर्ण होते हैं: फॉस्फोरस, सल्फर, सिलिकॉन, और ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, तांबे के अंश
स्टील में ‘अशुद्धियों’ का क्या रोल होता है? जानिए इनके फायदे और नुकसान!
स्टील (Steel) को हमेशा लोहे (Iron) और कार्बन (Carbon) का मिश्रण समझा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टील बनाते समय कुछ ऐसे तत्व भी मौजूद होते हैं जिन्हें “अवांछित” माना जाता है? जैसे फॉस्फोरस (Phosphorus), सल्फर (Sulphur), सिलिकॉन (Silicon), और ऑक्सीजन (Oxygen), नाइट्रोजन (Nitrogen), तांबा (Copper) के अंश। पर ये तत्व स्टील की प्रॉपर्टीज (Properties) को कैसे प्रभावित करते हैं? क्या ये सच में बेकार हैं, या इनके छोटे-छोटे अंश भी स्टील को बेहतर बना सकते हैं? आइए, समझते हैं!
1. फॉस्फोरस (Phosphorus): स्टील को “कठोर” बनाने वाला दुश्मन या दोस्त?
फॉस्फोरस को आमतौर पर स्टील की क्वालिटी (Quality) के लिए हानिकारक माना जाता है। यह स्टील को भंगुर (Brittle) बना देता है, खासकर कम तापमान पर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ केसेज में फॉस्फोरस स्टील की स्ट्रेंथ (Strength) बढ़ाने का काम करता है? जैसे, हाई-स्ट्रेंथ लो-एलॉय स्टील (HSLA Steel) में 0.04% तक फॉस्फोरस मिलाया जाता है ताकि यह जंग (Corrosion) से लड़ सके और मशीनिंग (Machining) आसान हो।
- उदाहरण: ब्रिज और स्काईस्क्रेपर्स में इस्तेमाल होने वाले स्टील में फॉस्फोरस की थोड़ी मात्रा उन्हें मजबूती देती है।
2. सल्फर (Sulphur): मशीनिंग को आसान बनाने वाला “खलनायक”
सल्फर को स्टील का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। यह स्टील में हॉट शॉर्टनेस (Hot Shortness) पैदा करता है, यानी गर्म करने पर स्टील टूटने लगता है। लेकिन, फ्री-मशीनिंग स्टील (Free-Machining Steel) में 0.05% से 0.3% सल्फर जानबूझकर मिलाया जाता है! क्यों? क्योंकि यह चिप्स (Chips) को छोटा कर देता है, जिससे मशीनिंग सुपरफास्ट और स्मूथ हो जाती है।
- उदाहरण: कार के पुर्जे (Automotive Parts) बनाने में फ्री-मशीनिंग स्टील का इस्तेमाल होता है।
3. सिलिकॉन (Silicon): स्टील का “अदृश्य सुपरहीरो”
सिलिकॉन एक डीऑक्सीडाइजर (Deoxidizer) है, यानी यह स्टील से ऑक्सीजन को बाहर निकालता है। इसकी 0.15% से 2% तक की मात्रा स्टील को मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज (Magnetic Properties) देती है। इलेक्ट्रिकल स्टील (Electrical Steel) में सिलिकॉन की हाई परसेंटेज (3-4%) होती है, जो ट्रांसफॉर्मर और मोटर्स की एफिशिएंसी (Efficiency) बढ़ाती है।
- उदाहरण: घर के मीटर और जनरेटर में इलेक्ट्रिकल स्टील का इस्तेमाल होता है।
4. ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, तांबा (Oxygen, Nitrogen, Copper): छोटे अंश, बड़े प्रभाव
- ऑक्सीजन: अधिक मात्रा में स्टील को भुरभुरा (Porous) बना देती है, लेकिन कंट्रोल्ड ऑक्सीजन ड्यूक्टिलिटी (Ductility) बढ़ाती है।
- नाइट्रोजन: स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) में यह स्ट्रेंथ और जंगरोधकता (Corrosion Resistance) बढ़ाता है।
- तांबा: 0.2% से कम तांबा वेदरिंग स्टील (Weathering Steel) को प्राकृतिक जंग से बचाता है, जैसे मूर्तियों और बाहरी संरचनाओं में।
People Also Ask (PAA):
- स्टील में अशुद्धियों (Impurities) को क्यों नहीं हटाया जाता?
क्योंकि कुछ अशुद्धियाँ स्टील के गुणों को बेहतर बनाती हैं। जैसे, सिलिकॉन ऑक्सीजन कम करता है, और तांबा जंग रोकता है। - सल्फर स्टील को कमजोर क्यों बनाता है?
सल्फर, आयरन के साथ मिलकर आयरन सल्फाइड (Iron Sulphide) बनाता है, जो गर्मी पर पिघल जाता है और स्टील में दरारें (Cracks) पैदा करता है। - क्या सभी स्टील में सिलिकॉन होता है?
हाँ, लगभग सभी स्टील्स में 0.15-0.35% सिलिकॉन होता है, क्योंकि यह डीऑक्सीडेशन (Deoxidation) के लिए जरूरी है।
Quick Summary (मुख्य बिंदु):
- फॉस्फोरस: 0.04% तक उपयोगी, ज्यादा मात्रा भंगुर बनाती है।
- सल्फर: 0.05-0.3% मशीनिंग आसान करता है।
- सिलिकॉन: 0.15-2% मैग्नेटिक और इलेक्ट्रिकल गुण देता है।
- ऑक्सीजन: कम मात्रा में ड्यूक्टिलिटी बढ़ाती है।
- नाइट्रोजन: स्टेनलेस स्टील की स्ट्रेंथ बढ़ाता है।
- तांबा: 0.2% से कम वेदरिंग स्टील को जंगरोधी बनाता है।
तत्वों का प्रभाव और उनकी मात्रा (Table):
तत्व | अधिकतम सुरक्षित मात्रा | फायदे | नुकसान |
---|---|---|---|
फॉस्फोरस | 0.04% | जंगरोधक, स्ट्रेंथ बढ़ाता है | भंगुरता (Brittleness) |
सल्फर | 0.3% | मशीनिंग आसान | हॉट शॉर्टनेस |
सिलिकॉन | 2% | डीऑक्सीडेशन, मैग्नेटिक गुण | कठोरता बढ़ाता है |
तांबा | 0.2% | वेदरिंग रेजिस्टेंस | विद्युत चालकता कम करता है |
निष्कर्ष
स्टील में हर तत्व का अपना रोल होता है—चाहे वह “अवांछित” क्यों न हो। इंजीनियर्स इनकी मात्रा को बैलेंस करके स्टील को मजबूत, टिकाऊ और विशेष उपयोगों के लिए तैयार करते हैं। अगली बार जब आप स्टील की चादर (Sheet) देखें, तो याद रखें: इसकी ताकत के पीछे इन्हीं “खलनायकों” का हाथ होता है!
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