पेजरैंक (PageRank) कैसे काम करता है? लिंक्स की संख्या और शक्ति का रोल

क्या आप जानते हैं गूगल पेजों को रैंक कैसे करता है? पेजरैंक का जादू समझें!

नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे उस ‘गणितीय जादू’ की जो गूगल के सर्च इंजन की बुनियाद है—पेजरैंक (PageRank)। कल्पना कीजिए, इंटरनेट एक विशाल पार्टी है और हर वेबपेज एक मेहमान। अब, जिस मेहमान को ज्यादा लोग जानते हों, उसकी बात का ‘वजन’ भी ज्यादा होगा। यही पेजरैंक का मूल सिद्धांत है! लेकिन यह सिर्फ लोकप्रियता नहीं, बल्कि लिंक्स की संख्या (quantity) और उनकी ताकत (strength) का खेल है। चलिए, इसकी हर परत समझते हैं।


पेजरैंक क्या है और यह कैसे काम करता है? (What is PageRank and How Does It Work?)

पेजरैंक, गूगल के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा 1996 में बनाया गया एक अल्गोरिदम (algorithm) है। यह वेबपेजों को उनके इनबाउंड लिंक्स (inbound links) यानी बैकलिंक्स के आधार पर स्कोर देता है। सरल शब्दों में:

  • जितने ज्यादा बैकलिंक्स, उतना ऊँचा पेजरैंक।
  • लेकिन सभी लिंक्स एक जैसे नहीं होते हैं! अगर कोई प्राधिकारी (authoritative) वेबसाइट आपको लिंक देती है, तो उसका प्रभाव (impact) कमजोर साइट्स के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है।

उदाहरण: मान लीजिए आप एक ब्लॉगर हैं और ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ आपके ब्लॉग का लिंक शेयर करता है। यह लिंक किसी छोटे ब्लॉग के लिंक से ज्यादा ‘वोट’ की तरह काम करेगा।


क्या सिर्फ लिंक्स की संख्या से काम चल जाता है? (Does Only Quantity of Links Matter?)

नहीं! पेजरैंक का फंडा यह है: “गुणवत्ता (quality), मात्रा (quantity) पर भारी पड़ती है।” इसे समझने के लिए एक एनालॉजी (analogy) लेते हैं:

  • कल्पना कीजिए: आपको एक किताब लिखनी है और 100 साधारण लेखक आपकी तारीफ करें vs. 5 बेस्टसेलर लेखक आपकी प्रशंसा करें। कौन सी स्थिति आपकी किताब को ज्यादा क्रेडिबिलिटी (credibility) देगी? जाहिर है, 5 प्रभावशाली लेखकों की सिफारिश!

ठीक यही लॉजिक पेजरैंक में काम करता है। गूगल प्रत्येक लिंक को “वोट” मानता है, लेकिन हर वोट का मूल्य अलग होता है। यह मूल्य निर्भर करता है:

  1. लिंक देने वाले पेज का पेजरैंक: अगर कोई हाई-रैंकिंग पेज आपको लिंक देता है, तो उसका मूल्य ज्यादा होगा।
  2. उस पेज पर आउटगोइंग लिंक्स की संख्या: अगर एक पेज 100 लिंक्स देता है, तो हर लिंक का मूल्य उसके पेजरैंक को 100 से डिवाइड करने पर मिलेगा।

पेजरैंक की गणना का फॉर्मूला क्या है? (What’s the Mathematical Formula of PageRank?)

पेजरैंक का मूल फॉर्मूला है:
PR(A) = (1-d) + d (PR(T1)/C(T1) + … + PR(Tn)/C(Tn))

  • PR(A): पेज A का पेजरैंक
  • d: डैम्पिंग फैक्टर (damping factor), जो 0.85 के आसपास होता है। यह प्रोबेबिलिटी (probability) दर्शाता है कि एक यूजर लिंक्स पर क्लिक करते रहेगा।
  • PR(T1) से PR(Tn): वे पेजेज जो पेज A को लिंक देते हैं
  • C(Tn): पेज Tn के आउटगोइंग लिंक्स की संख्या

उदाहरण से समझें: मान लीजिए पेज B का पेजरैंक 4 है और उसने 2 लिंक्स दिए हैं। पेज C का पेजरैंक 5 है और उसने 5 लिंक्स दिए हैं। अगर दोनों पेज A को लिंक देते हैं, तो:

  • पेज B का योगदान = 4/2 = 2
  • पेज C का योगदान = 5/5 = 1
  • इसलिए, पेज A का पेजरैंक = (1-0.85) + 0.85*(2+1) = 0.15 + 0.85*3 ≈ 2.7

क्या पेजरैंक आज भी प्रासंगिक है? (Is PageRank Still Relevant Today?)

बिल्कुल! हालाँकि गूगल ने 2014 में पब्लिकली पेजरैंक स्कोर दिखाना बंद कर दिया, लेकिन यह अल्गोरिदम आज भी रैंकिंग का अहम हिस्सा है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब 200+ फैक्टर्स (जैसे कंटेंट क्वालिटी, यूजर एक्सपीरियंस) का समावेश हो गया है।

ध्यान रखें: आज के एसईओ (SEO) में लिंक बिल्डिंग (link building) के साथ लिंक्स की रिलेवेंसी (relevance) और ट्रस्ट स्कोर (trust score) पर भी जोर दिया जाता है।


पेजरैंक बढ़ाने के लिए क्या करें? (How to Improve Your PageRank?)

  1. हाई-अथॉरिटी साइट्स से लिंक्स पाएँ: Guest blogging, collaborations, या शानदार कंटेंट बनाकर।
  2. लिंक्स की संख्या से ज्यादा गुणवत्ता पर फोकस करें: 10 प्रतिष्ठित (prestigious) साइट्स के लिंक, 100 स्पैमी लिंक्स से बेहतर।
  3. इंटरनल लिंकिंग ऑप्टिमाइज़ करें: अपने वेबपेजेज को आपस में जोड़ें ताकि पेजरैंक का फ्लो (flow) बना रहे।

रियल-लाइफ टिप: अगर आप एक रेसिपी ब्लॉगर हैं, तो ‘Food Network’ या ‘BBC Good Food’ जैसी साइट्स से लिंक पाने की कोशिश करें। यह आपकी क्रेडिबिलिटी बूस्ट करेगा!


निष्कर्ष: पेजरैंक एक कला और विज्ञान दोनों है!

पेजरैंक सिखाता है कि इंटरनेट पर ‘कनेक्शन्स’ और ‘ट्रस्ट’ कितने महत्वपूर्ण हैं। बस याद रखें:

  • लिंक्स की संख्या ≠ गूगल रैंकिंग।
  • एक मजबूत, प्रासंगिक (relevant) बैकलिंक प्रोफाइल बनाएँ।

तो, अगली बार जब आप एसईओ की सोचें, तो पेजरैंक के इस गणितीय नृत्य को समझकर चलें। है न रोमांचक?

क्या आपके पास पेजरैंक से जुड़े कोई सवाल हैं? कमेंट्स में बताएँ!


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पेजरैंक का आविष्कार किसने किया?

पेजरैंक का आविष्कार गूगल के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने 1996 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में किया था। यह गूगल के मूल रैंकिंग एल्गोरिदम का आधार बना।

क्या पेजरैंक अभी भी गूगल रैंकिंग में उपयोग किया जाता है?

हाँ, पेजरैंक अभी भी गूगल के रैंकिंग एल्गोरिदम का हिस्सा है, हालाँकि अब यह 200+ अन्य फैक्टर्स के साथ संयुक्त है। गूगल ने 2014 में पब्लिक पेजरैंक स्कोर दिखाना बंद कर दिया था।

एक अच्छा पेजरैंक स्कोर क्या होता है?

पेजरैंक स्कोर 0 से 10 के बीच होता है। आमतौर पर 3-5 का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 6+ स्कोर वाली साइट्स को हाई अथॉरिटी वाली माना जाता है।

क्या बिना बैकलिंक्स के पेजरैंक बढ़ सकता है?

बैकलिंक्स पेजरैंक का मुख्य फैक्टर हैं, लेकिन इंटरनल लिंकिंग, कंटेंट क्वालिटी और यूजर एक्सपीरियंस जैसे फैक्टर्स भी अप्रत्यक्ष रूप से पेजरैंक को प्रभावित कर सकते हैं।


Quick Summary

  • पेजरैंक गूगल का मूल रैंकिंग एल्गोरिदम है जो बैकलिंक्स की संख्या और गुणवत्ता पर आधारित है।
  • हाई-अथॉरिटी साइट्स से लिंक्स मिलने पर पेजरैंक ज्यादा बढ़ता है।
  • पेजरैंक फॉर्मूला:
    PR(A) = (1-d) + d (PR(T1)/C(T1) + … + PR(Tn)/C(Tn))
  • आज भी पेजरैंक महत्वपूर्ण है, लेकिन 200+ अन्य फैक्टर्स के साथ संयुक्त है।
  • पेजरैंक बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण बैकलिंक्स और मजबूत इंटरनल लिंकिंग जरूरी है।
फैक्टरप्रभावउदाहरण
बैकलिंक्स की संख्याअधिक बैकलिंक्स = अधिक “वोट”100 लिंक्स वाला पेज 10 लिंक्स वाले पेज से बेहतर
बैकलिंक्स की गुणवत्ताहाई-अथॉरिटी साइट्स के लिंक्स ज्यादा मूल्यवानNY Times का लिंक किसी छोटे ब्लॉग के लिंक से बेहतर
आउटगोइंग लिंक्सज्यादा आउटगोइंग लिंक्स = प्रत्येक लिंक का कम मूल्यएक पेज जो 100 लिंक्स देता है vs. जो 5 लिंक्स देता है
लिंक रिलेवेंसीसमान विषय वाली साइट्स के लिंक्स ज्यादा मूल्यवानरेसिपी साइट का लिंक फूड ब्लॉग के लिए ज्यादा उपयोगी

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