Artificial intelligence (AI)
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क्या 2012 के बाद AI में निवेश (Investment) और रुचि बढ़ने का रहस्य डीप लर्निंग (Deep Learning) था?
Read More: क्या 2012 के बाद AI में निवेश (Investment) और रुचि बढ़ने का रहस्य डीप लर्निंग (Deep Learning) था?2012 में डीप लर्निंग (AlexNet) ने AI क्रांति की शुरुआत की 2017 के ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर ने NLP को बदल दिया 2020s में बड़े भाषा मॉडल (GPT-3 आदि) ने AI को मुख्यधारा में लाया AI प्रगति के मुख्य चालक: बेहतर हार्डवेयर (GPUs), बड़े डेटासेट्स और नए अल्गोरिदम प्रमुख चुनौतियाँ: एथिकल AI, जॉब डिस्प्लेसमेंट और एनर्जी कंजम्पशन
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एआई बूम: 2020s की क्रांति और उससे आगे
Read More: एआई बूम: 2020s की क्रांति और उससे आगेएआई बूम 2020s में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के तेजी से विकास को दर्शाता है मुख्य टेक्नोलॉजीज: मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क प्रमुख उदाहरण: OpenAI का GPT-3, Google का AlphaFold एआई ने हेल्थकेयर, फाइनेंस और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों को बदल दिया है चुनौतियाँ: एल्गोरिदमिक बायस, नौकरियों पर प्रभाव, डीपफेक खतरा
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एआई में तेज़ी से विकास: 2012 के डीप लर्निंग से 2017 के ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर तक का सफर
Read More: एआई में तेज़ी से विकास: 2012 के डीप लर्निंग से 2017 के ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर तक का सफरक्या आपने कभी सोचा है कि 2010 तक जो AI सिर्फ़ “कैलकुलेटर” जैसा लगता था, वो आज हमारी भावनाएँ समझने वाला ChatGPT या फ़ोटो पहचानने वाला Google Lens कैसे बन गया? यह कहानी है Neural Networks (तंत्रिका नेटवर्क) की गहराई, Deep Learning (गहन शिक्षण) की क्रांति, और Transformer Architecture (रूपांतरक संरचना) के जादू की! चलिए, समझते हैं—बिल्कुल शुरुआत से।
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एआई में फंडिंग और रुचि का विस्फोट: 2012 के बाद डीप लर्निंग ने कैसे बदली गेम?
Read More: एआई में फंडिंग और रुचि का विस्फोट: 2012 के बाद डीप लर्निंग ने कैसे बदली गेम?साल 2012, AI इतिहास का वह स्वर्णिम वर्ष बन गया जब डीप लर्निंग (Deep Learning) ने पारंपरिक एआई तकनीकों को पछाड़ते हुए ImageNet प्रतियोगिता में 16.4% एरर रेट के साथ नया रिकॉर्ड बनाया। इस जीत के पीछे था कनवॉल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (Convolutional Neural Network) यानी AlexNet, जिसने कंप्यूटर विज़न के क्षेत्र में क्रांति ला दी। यह पहली बार था जब मशीनों ने इंसानों जितनी सटीकता से इमेज पहचानना सीखा! क्या आप जानते हैं कि इस एक सफलता ने Google, Facebook जैसी कंपनियों का ध्यान क्यों खींचा? क्योंकि अब AI सिर्फ “किताबी ज्ञान” नहीं, बल्कि असली दुनिया की समस्याओं का समाधान…
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AI का सफर: 1956 से आज तक, उम्मीदों और निराशाओं (AI Winters) की कहानी
Read More: AI का सफर: 1956 से आज तक, उम्मीदों और निराशाओं (AI Winters) की कहानीजानिए AI (Artificial Intelligence) का इतिहास! 1956 में शुरुआत, उम्मीदों के चरम, फंडिंग कटने (Funding Loss) के दौर और AI Winters की पूरी कहानी। तकनीकी विवरण, रियल-लाइफ उदाहरणों के साथ।
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एआई (AI) कैसे मनोविज्ञान, भाषाविज्ञान, दर्शनशास्त्र, और तंत्रिका विज्ञान से जुड़ा है? समझिए विस्तार से!
Read More: एआई (AI) कैसे मनोविज्ञान, भाषाविज्ञान, दर्शनशास्त्र, और तंत्रिका विज्ञान से जुड़ा है? समझिए विस्तार से!नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करने वाले हैं उस रोबोटिक दोस्त की, जिसे आप “एआई” यानी Artificial Intelligence कहते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ये मशीनें सिर्फ कोडिंग (coding) से नहीं बनीं? जी हाँ, एआई की नींव में कंप्यूटर साइंस के अलावा मनोविज्ञान (psychology), भाषाविज्ञान (linguistics), दर्शनशास्त्र (philosophy), और तंत्रिका विज्ञान (neuroscience) जैसे विषयों का भी हाथ है! चलिए, समझते हैं कि ये सभी फील्ड्स एआई को कैसे शेप (shape) करते हैं।
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एआई शोधकर्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों का गहन विश्लेषण: खोज से लेकर न्यूरल नेटवर्क तक
Read More: एआई शोधकर्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों का गहन विश्लेषण: खोज से लेकर न्यूरल नेटवर्क तकक्या आपने कभी सोचा है कि Artificial Intelligence (AI) हमारे जीवन को इतना आसान कैसे बना देती है? चाहे वह सिरी (Siri) हो या सेल्फ-ड्राइविंग कार, ये सभी एआई के जादू का परिणाम हैं। पर क्या आप जानते हैं कि यह जादू वास्तव में किन तकनीकों पर टिका है? आज हम एआई शोधकर्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली उन तकनीकों को गहराई से समझेंगे—जैसे खोज (search), गणितीय अनुकूलन (mathematical optimization), न्यूरल नेटवर्क (neural networks), और आंकड़ों (statistics) का विश्लेषण। चलिए, इन्हें बुनियादी से उन्नत स्तर तक समझते हैं!
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एआई शोधकर्ता किन तकनीकों का उपयोग करते हैं? समझिए विस्तार से!
Read More: एआई शोधकर्ता किन तकनीकों का उपयोग करते हैं? समझिए विस्तार से!आज हम बात करने वाले हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में इस्तेमाल होने वाली उन तकनीकों के बारे में, जो मशीनों को “सोचने” और “सीखने” की क्षमता देती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे AI मॉडल्स इतने स्मार्ट कैसे होते हैं? या गूगल मैप्स सबसे छोटा रास्ता कैसे ढूंढ लेता है? इन सभी के पीछे AI की वो जटिल तकनीकें (complex techniques) हैं, जिन्हें समझना हमारे लिए बेहद ज़रूरी है। चलिए, एक-एक करके इन्हें समझते हैं।
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सामान्य बुद्धिमत्ता (General Intelligence): क्या AI सच में इंसानों जैसा सोच सकता है?
Read More: सामान्य बुद्धिमत्ता (General Intelligence): क्या AI सच में इंसानों जैसा सोच सकता है?जानिए AI की सामान्य बुद्धिमत्ता (General Intelligence) क्या है, यह कैसे काम करती है, और क्यों यह मानवता के लिए एक क्रांतिकारी लक्ष्य है। विस्तृत तकनीकी विवरण, उदाहरण और समझने योग्य भाषा में!
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एआई रिसर्च के उपक्षेत्र: मशीनों को सिखाने, सोचने और समझने की कला
Read More: एआई रिसर्च के उपक्षेत्र: मशीनों को सिखाने, सोचने और समझने की कलाआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) आज सिर्फ़ एक ट्रेंडी टर्म नहीं, बल्कि विज्ञान की वह शाखा है जो मशीनों को मानव-जैसी बुद्धिमत्ता देने के लिए हज़ारों उपक्षेत्रों (subfields) में बंटी हुई है। चाहे वह Netflix का आपको सही सीरीज़ सुझाना हो या फिर सेल्फ़-ड्राइविंग कारों का ट्रैफ़िक समझना—ये सभी एआई के अलग-अलग उपक्षेत्रों की देन हैं। चलिए, आज समझते हैं कि एआई रिसर्च के ये उपक्षेत्र कैसे काम करते हैं और क्यों ये हमारे भविष्य को रीडिफ़ाइन (redefine) कर रहे हैं!
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपक्षेत्र: लक्ष्य, उपकरण और वास्तविक जीवन के उदाहरण
Read More: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपक्षेत्र: लक्ष्य, उपकरण और वास्तविक जीवन के उदाहरणनमस्ते दोस्तों! आज हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की दुनिया में गहराई से उतरेंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि AI केवल “रोबोट” या “सिरी/एलेक्सा” तक ही सीमित नहीं है? असल में, AI एक विशाल समुद्र है, जिसमें अलग-अलग उपक्षेत्र (subfields) अपने विशेष लक्ष्यों और उपकरणों के साथ काम करते हैं। चलिए, क्लासरूम स्टाइल में इसकी हर परत को समझते हैं—बेसिक्स से!
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क्या AI गायब हो जाता है? जब टेक्नोलॉजी हमारी आदत बन जाए
Read More: क्या AI गायब हो जाता है? जब टेक्नोलॉजी हमारी आदत बन जाएआपने कभी सोचा है कि जब आप गूगल मैप्स पर ट्रैफ़िक चेक करते हैं, नेटफ्लिक्स पर मूवी सुझाव देखते हैं, या फोन की कीबोर्ड से ऑटो-करेक्ट का इस्तेमाल करते हैं, तो ये सब कैसे काम करता है? हैरानी की बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर आधारित हैं, लेकिन हम इन्हें “AI” कहकर नहीं बुलाते! क्यों? क्योंकि जब कोई चीज़ इतनी आम और उपयोगी हो जाती है, तो हम उसे “AI” का लेबल (label) देना भूल जाते हैं। आज हम इसी रोचक पहलू पर चर्चा करेंगे—“AI का अदृश्य होना (The Invisibility of AI)”।
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एआई के उच्च-प्रोफ़ाइल अनुप्रयोग: क्या रोबोट्स अब हमारी दुनिया चला रहे हैं?
Read More: एआई के उच्च-प्रोफ़ाइल अनुप्रयोग: क्या रोबोट्स अब हमारी दुनिया चला रहे हैं?आज हम चर्चा करेंगे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के उन शानदार अनुप्रयोगों की, जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बदल रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि नेटफ्लिक्स आपको सही सीरीज़ क्यों सुझाता है? या गूगल सर्च इतना सटीक जवाब कैसे देता है? चलिए, इन सवालों के जवाब ढूंढते हुए एआई की गहराइयों में डुबकी लगाते हैं।
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एआई क्या है? कंप्यूटर विज्ञान की यह रिसर्च फील्ड मशीनों को कैसे ‘समझदार’ बनाती है?
Read More: एआई क्या है? कंप्यूटर विज्ञान की यह रिसर्च फील्ड मशीनों को कैसे ‘समझदार’ बनाती है?आज हम बात करने वाले हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) यानी “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” के बारे में। यह कोई साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि आपके रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा है। चाहे वह गूगल मैप्स पर ट्रैफ़िक का अंदाज़ा लगाना हो या नेटफ्लिक्स आपको आपकी पसंद के शो सुझाए, ये सभी एआई की ही देन हैं। लेकिन सवाल यह है: “एआई आखिर है क्या? यह कैसे काम करता है? और क्यों यह इंसानी दिमाग को चैलेंज कर रहा है?” चलिए, शुरू करते हैं!
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): मशीनों का मानवीय सोचने की क्षमता तक सफर
Read More: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): मशीनों का मानवीय सोचने की क्षमता तक सफरक्या आपने कभी सोचा है कि आपका स्मार्टफोन आपकी आवाज़ पहचानकर गाने कैसे बजा देता है? या Netflix आपको ऐसी फिल्में सुझाता है जो आपको पसंद आएंगी? यह सब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) का ही कमाल है। AI, जिसे हिंदी में “मशीनी बुद्धिमत्ता” भी कहते हैं, एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो कंप्यूटर सिस्टम को मानवीय सोच, सीखने, निर्णय लेने और समस्याएं सुलझाने की क्षमता देती है। यह कोई जादू नहीं, बल्कि डेटा (data), एल्गोरिदम (algorithms), और कंप्यूटिंग पावर का सम्मिश्रण (combination) है।