प्रत्याशित उपयोगिता (Expected Utility): कैसे करें सही निर्णय की ‘गणितीय तैयारी’?

क्या आपने कभी सोचा है कि जीवन के हर मोड़ पर हम निर्णय (Decision) लेते समय इतने अनिश्चित क्यों महसूस करते हैं? चाहे निवेश (Investment) हो, करियर का चुनाव, या फिर रोज़मर्रा के छोटे फैसले—हर जगह अनिश्चितता (Uncertainty) और जोखिम (Risk) का सामना करना पड़ता है। आज हम एक ऐसी गणितीय अवधारणा (Mathematical Concept) सीखेंगे जो आपके निर्णयों को वैज्ञानिक आधार (Scientific Basis) देगी: प्रत्याशित उपयोगिता (Expected Utility)


प्रत्याशित उपयोगिता क्या है? (What is Expected Utility?)

मान लीजिए आपके सामने दो विकल्प हैं:

  • मान लीजिए आप ₹10,000 शेयर बाजार में निवेश करते हैं, जहाँ 50% संभावना है कि आपका पैसा दोगुना होकर ₹20,000 हो जाएगा, और 50% संभावना है कि यह घटकर केवल ₹5,000 रह जाएगा।
  • उसी ₹10,000 को फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में डालें, जहाँ निश्चित ₹500 का मुनाफा मिले।

कौन-सा विकल्प बेहतर है? यहीं काम आती है प्रत्याशित उपयोगिता। यह किसी क्रिया (Action) के सभी संभावित परिणामों (Outcomes) की उपयोगिता (Utility) को उनकी प्रायिकता (Probability) के अनुसार वज़न देकर एक औसत मूल्य (Average Value) निकालती है। सरल शब्दों में:

Expected Utility = (Utility of Outcome 1 × Probability 1) + (Utility of Outcome 2 × Probability 2) + …

इस फॉर्मूले में उपयोगिता से मतलब है—किसी परिणाम का हमारे लिए ‘मूल्य’। जैसे, ₹20,000 का उपयोगिता उस व्यक्ति के लिए अलग होगा जिसके पास पहले से करोड़ों हैं, और उस व्यक्ति के लिए अलग जो गरीब है।


प्रायिकता (Probability) और उपयोगिता (Utility) का क्या रिश्ता है?

यहाँ एक सादृश्य (Analogy) समझिए: मान लीजिए आप एक किसान हैं और आपको फसल चुननी है। प्रायिकता वह है जो बताती है कि बारिश होने की कितनी संभावना है, और उपयोगिता वह है जो बताती है कि अगर बारिश हुई तो गेहूँ की फसल से कितना लाभ होगा, या सूखे की स्थिति में नुकसान कितना।

ध्यान दीजिए: प्रायिकता वस्तुनिष्ठ (Objective) या व्यक्तिपरक (Subjective) हो सकती है। जैसे, सिक्का उछालने में चित् आने की प्रायिकता 50% (वस्तुनिष्ठ), लेकिन शेयर बाजार में मुनाफे की प्रायिकता आपके अनुभव पर निर्भर (व्यक्तिपरक)।


वास्तविक जीवन में प्रत्याशित उपयोगिता का उपयोग कैसे होता है?

चलिए रोज़मर्रा के उदाहरण (Everyday Examples) से समझते हैं:

  1. छाता ले जाना या नहीं?
    • अगर बारिश की प्रायिकता 30% है, और छाता न ले जाने पर आपकी उपयोगिता (यानी खुशी) -10 (क्योंकि भीग जाएँगे), और ले जाने पर उपयोगिता -2 (छाते का वज़न)।
    • Expected Utility (छाता न ले जाना) = (0.3 × -10) + (0.7 × 0) = -3
    • Expected Utility (छाता ले जाना) = (1.0 × -2) = -2
    • इसलिए, छाता ले जाना बेहतर!
  2. मेडिकल इंश्योरेंस खरीदना:
    • बीमारी की प्रायिकता 5%, और इलाज का खर्च ₹5 लाख। इंश्योरेंस प्रीमियम ₹10,000/वर्ष।
    • Expected Utility बीमा न लेने पर = (0.05 × -5,00,000) + (0.95 × 0) = -25,000
    • Expected Utility बीमा लेने पर = (1.0 × -10,000) = -10,000
    • इसलिए, बीमा लेना फायदेमंद।

प्रत्याशित उपयोगिता की गणना (Calculation) कैसे करें?

इसके लिए हमें चाहिए:

  1. सभी संभावित परिणामों (Possible Outcomes) की सूची
  2. प्रत्येक की प्रायिकता (Probability)
  3. प्रत्येक की उपयोगिता (Utility)

इसका गणितीय सूत्र इस प्रकार है::

EU(A) = ∑ P(Oᵢ | A) × U(Oᵢ)

जहाँ:

  • EU(A): क्रिया A की प्रत्याशित उपयोगिता (Expected Utility of action A)
  • P(Oᵢ | A): क्रिया A के बाद परिणाम Oᵢ की प्रायिकता (Probability of outcome Oᵢ given action A)
  • U(Oᵢ): परिणाम Oᵢ की उपयोगिता (Utility of outcome Oᵢ)
  • n: कुल संभावित परिणामों की संख्या

इसे आसान भाषा में कैसे समझें?

मान लीजिए आप कोई निर्णय लेने जा रहे हैं — जैसे कि कोई निवेश, बीमा, या फिर कोई नौकरी का ऑफर स्वीकार करना। आपके हर निर्णय (action) के कई संभावित परिणाम (outcomes) हो सकते हैं।

हर परिणाम की एक संभावना (probability) होती है और वह परिणाम आपके लिए कोई मूल्य (utility) रखता है — लाभ, शांति, पैसा, रिस्क या कोई अन्य लाभ।

अब यदि आप हर संभावित परिणाम की प्रायिकता को उसकी उपयोगिता से गुणा करें और सबका योग निकालें, तो आपको उस निर्णय की कुल प्रत्याशित उपयोगिता मिलेगी।

यही फार्मूला बताता है कि “आँकड़ों के आधार पर, कौन-सा निर्णय सबसे बुद्धिमानी वाला है?

एक सरल उदाहरण:

मान लीजिए आप एक बीमा पॉलिसी लेने का विचार कर रहे हैं:

संभावित परिणाम (Oᵢ)प्रायिकता P(Oᵢ | A)उपयोगिता U(Oᵢ)
दुर्घटना नहीं होती0.950 (शांति की भावना)
दुर्घटना होती है0.1500 (बीमा लाभ)

तो:

EU(A) = (0.9 × 50) + (0.1 × 500) = 45 + 50 = 95

इसका मतलब है कि बीमा लेने का निर्णय 95 इकाइयों की उपयोगिता देता है।

अब आप चाहें तो किसी अन्य निर्णय (जैसे बीमा न लेना) की भी उपयोगिता निकालकर तुलना कर सकते हैं।

क्यों ज़रूरी है यह कांसेप्ट?

  • AI और Machine Learning में यह कांसेप्ट निर्णय लेने की नींव है।
  • मेडिकल, इंजीनियरिंग, और बिज़नेस एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में यह निर्णय लेने की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है।
  • निवेश और बीमा कंपनियाँ रिस्क मैनेजमेंट के लिए इसका उपयोग करती हैं।

प्रत्याशित उपयोगिता की सीमाएँ (Limitations) क्या हैं?

  1. तर्कहीन मानव व्यवहार (Irrational Human Behavior): यह थ्योरी मानती है कि इंसान हमेशा तर्कसंगत (Rational) फैसले लेते हैं, लेकिन वास्तव में भावनाएँ, डर, या लालच हावी हो जाते हैं। जैसे, लोग अक्सर नुकसान से बचने के लिए जोखिम उठाते हैं।
  2. उपयोगिता का मापन (Measurement of Utility): उपयोगिता व्यक्ति-विशेष पर निर्भर है। ₹1 लाख एक गरीब के लिए अधिक उपयोगी है, जबकि अमीर के लिए नगण्य।
  3. अज्ञात प्रायिकताएँ (Unknown Probabilities): कई बार हमें पता ही नहीं होता कि प्रायिकता क्या है, जैसे नई टेक्नोलॉजी के सफल होने की संभावना।

निष्कर्ष (Conclusion): जीवन को बनाएँ ‘गणितीय खेल’

प्रत्याशित उपयोगिता सिर्फ़ एक थ्योरी नहीं, बल्कि जीवन का टूल है। अगली बार जब भी आप कोई निर्णय लें, खुद से पूछें:

  • इसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं?
  • हर परिणाम की संभावना और मेरे लिए उपयोगिता क्या है?
  • क्या मैंने सभी विकल्पों की EU कैलकुलेट कर ली है?

इससे आप अनिश्चितता (Uncertainty) के बीच भी सटीक निर्णय (Precise Decisions) ले पाएँगे। फिर चाहे वह स्टॉक मार्केट हो, परीक्षा की तैयारी, या फिर रिश्तों का चुनाव!


📌 संक्षिप्त सारांश

  • प्रत्याशित उपयोगिता निर्णय लेने का वैज्ञानिक तरीका है जो संभावित परिणामों और उनकी उपयोगिता को ध्यान में रखता है
  • सूत्र: (परिणाम 1 की उपयोगिता × प्रायिकता 1) + (परिणाम 2 की उपयोगिता × प्रायिकता 2) + …
  • उपयोगिता व्यक्ति के लिए परिणाम का मूल्य होता है, जो हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है
  • इसका उपयोग निवेश, बीमा, और दैनिक निर्णयों में किया जा सकता है
  • मानवीय तर्कहीनता और उपयोगिता मापन की कठिनाई इसकी प्रमुख सीमाएँ हैं

📊 प्रत्याशित उपयोगिता तुलना तालिका

निर्णय परिदृश्यविकल्प 1विकल्प 2बेहतर विकल्प (EU के आधार पर)
निवेशशेयर बाजार (50% ₹20,000, 50% ₹5,000)फिक्स्ड डिपॉजिट (निश्चित ₹500)जोखिम लेने की इच्छा पर निर्भर
छाता ले जानान ले जाएँ (30% बारिश, -10 उपयोगिता)ले जाएँ (निश्चित -2 उपयोगिता)छाता ले जाना (EU -2 > -3)
बीमा खरीदनान खरीदें (5% जोखिम, -5 लाख)खरीदें (निश्चित -10,000)बीमा खरीदना (EU -10,000 > -25,000)

❓ लोग यह भी पूछते हैं (People Also Ask)

1. प्रत्याशित उपयोगिता और प्रत्याशित मूल्य में क्या अंतर है?

प्रत्याशित मूल्य (Expected Value) केवल मौद्रिक परिणामों का औसत होता है, जबकि प्रत्याशित उपयोगिता (Expected Utility) व्यक्ति के लिए उन परिणामों के वास्तविक मूल्य को ध्यान में रखती है। उदाहरण के लिए, ₹1 लाख की हानि एक अमीर और गरीब व्यक्ति के लिए अलग-अलग उपयोगिता रखती है।

2. क्या प्रत्याशित उपयोगिता सिद्धांत हमेशा सही निर्णय देता है?

नहीं, क्योंकि यह सिद्धांत मानता है कि लोग तर्कसंगत (Rational) निर्णय लेते हैं, जबकि वास्तव में भावनाएँ, संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह (Cognitive Biases) और सीमित जानकारी निर्णयों को प्रभावित करती है। हालाँकि, यह एक उपयोगी संरचना प्रदान करता है जिससे बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं।

3. उपयोगिता को कैसे मापा जा सकता है?

उपयोगिता को मापने के लिए विभिन्न तकनीकें हैं जैसे:

  • मौद्रिक मूल्य के रूप में (₹ में)
  • यूटिल (Util) नामक काल्पनिक इकाइयों में
  • तुलनात्मक रेटिंग (जैसे 1-10 स्केल पर)

यह एक व्यक्तिपरक (Subjective) माप है और व्यक्ति विशेष के लिए अलग-अलग हो सकता है।

4. जोखिम से बचने (Risk Aversion) और प्रत्याशित उपयोगिता का क्या संबंध है?

जोखिम से बचने वाले लोग निश्चित लाभ को अनिश्चित लेकिन संभावित रूप से बड़े लाभ पर प्राथमिकता देते हैं। प्रत्याशित उपयोगिता सिद्धांत में, यह तब होता है जब उपयोगिता फलन (Utility Function) अवतल (Concave) होता है – यानी धन की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से उपयोगिता में वृद्धि घटती जाती है।


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